बौद्ध काल में आर्थिक परिवर्तन
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Author(s):
DR. RAJEH KUMAR SINGH
Vol - 6, Issue- 7 ,
Page(s) : 248 - 252
(2015 )
DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
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Abstract
प्राचीन भारततीय इतिहास में बौद्ध काल, आर्थिक परिवर्तन का युग था। पहले से चली आ रही व्यवस्था में बड़े-बड़े यज्ञ होते थे। निश्चय ही यज्ञों में बैलों की बलि दी जाती थी। लोहे की जानकारी के बाद बड़े फालों को खींचने के लिये बैलों की आवश्यकता पड़ी। गंगा के दो आब तक आबादी का विस्तार हो चुका था। अतः बौद्ध एवं जैन धर्म के अहिंसा के सिद्धान्त ने अर्थव्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन कर दिया।
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