International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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राष्ट्रीय आन्दोलन के दौरान कृषक आन्दोलन (1920 से स्वतंत्रता तक)
1 Author(s): SUKENDER KUMAR
Vol - 9, Issue- 10 , Page(s) : 14 - 18 (2018 ) DOI : https://doi.org/10.32804/
सामान्यतः भारत में किसानों को इतिहास एवं वर्तमान में बहुमुखी समस्याओं का सामना करना पड़ता रहा है। औपनिवेशिक काल में सरकार सदैव जमीदारों व व्यापारियों के हित में रही व किसान व बंटाईदार विरोधी। किसान नियमित कर के साथ नजराना व अबवाब देने हेतु बाध्य थे । सरकार की स्थिरता की जमींदारों पर निर्भरता भी किसानों के शोषण का एक कारण बनी। किसानों ने 1920 के दशक से स्वतंत्रता तक विभिन्न चरणों में इन सभी से संघर्ष भी किया। जिसमें कुछ हद तक सफलता मिली। लेकिन किसानों को निर्णायक सफलता न तो उस दौर में मिली और आज भी कृषकों के आगे बदले हुए स्वरूप में वहीं समस्याएं मौजूद हैं। राष्ट्रीय आन्दोलन के दौरान कृषक आन्दोलन (1920 से स्वतंत्रता तक) में कृषक आन्दोलन की प्रक्रिया, उतार-चढ़ाव, नेतृत्व, सफलता-विफलता व कृषक समस्याआंे की निरन्तरता पर चर्चा है।
1. इग्नू2. एन.सी.ई.आर.टी. 3. आधुनिक भारत-सुमित सरकार । 4. कैरियर प्वाईंट नोटस । 5. इन्टरनेट ।