International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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भारतीय लोकतंत्र : चुनौतियाँ एवं संभावनाएं
1 Author(s): DR. ANAND MOHAN DWIVEDI
Vol - 11, Issue- 9 , Page(s) : 141 - 144 (2020 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
प्रथम आम चुनाव से लेकर लगभग 2 दशकों तक मात्र 40 से 45 प्रतिषत ही मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करते थे। वास्तव में तब मतदाता अपने मताधिकार का महत्व नहीं समझ पा रहा था। धीरे-धीरे शिक्षा का प्रसार, स्व-समूहों एवं संगठनों और निर्वाचन आयोग के विभिन्न प्रयासों के परिणामस्वरुप मतदान का प्रतिशत 55 से 60 प्रतिषत तक पहुंचा। मतदान प्रतिशत के बढ़ने का एक प्रमुख कारण राजनीतिक दलों की आपसी प्रतिद्वंदिता भी है जिसके कारण मतदान का प्रतिशत 75ः तक भी पहुंचा है। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद ऐसा लगा कि राजनीतिक समूह जो हाशिए पर पर था उसका भारतीय राजनीति में प्रवेश हो चुका है। इस आम चुनाव में एक व्यापक उत्साह देखा गया।