International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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भारतीय लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों का विश्लेषण
1 Author(s): DR. JITENDER PATIDHAR
Vol - 12, Issue- 8 , Page(s) : 55 - 59 (2021 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
भारतीय लोकतंत्र में आलोचना लोकतंत्र की आत्मा है । यदि इस आत्मा का स्वरूप विकृत हो जाए तो लोकतंत्र भी विकृत हो जाएगा और आलोचनात्मक रचना होना चाहिऐ ताकि विभिन्न वैधानिक संस्थाओं में अवरोध और संतुलन बना रहे तथा सरकार उत्तरदायी, संवेदनशीलता एवं पारदर्शी हो सके । लोकतंत्र में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों को जनता चुनती है, केवल ज्यादा वोट पाने से सरकार को अधिकार नहीं मिलता कि वह अपनी ही पार्टी का प्रोग्राम करे और विपक्ष की पार्टी को दरकिनार कर दें और विपक्षी दलों और प्रेस पर आलोचना की प्रमुख जिम्मेदारी होती है