International Research Journal of Commerce , Arts and Science

 ( Online- ISSN 2319 - 9202 )     New DOI : 10.32804/CASIRJ

Impact Factor* - 6.2311


**Need Help in Content editing, Data Analysis.

Research Gateway

Adv For Editing Content

   No of Download : 47    Submit Your Rating     Cite This   Download        Certificate

भारतीय लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों का विश्लेषण

    1 Author(s):  DR. JITENDER PATIDHAR

Vol -  12, Issue- 8 ,         Page(s) : 55 - 59  (2021 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ

Abstract

भारतीय लोकतंत्र में आलोचना लोकतंत्र की आत्मा है । यदि इस आत्मा का स्वरूप विकृत हो जाए तो लोकतंत्र भी विकृत हो जाएगा और आलोचनात्मक रचना होना चाहिऐ ताकि विभिन्न वैधानिक संस्थाओं में अवरोध और संतुलन बना रहे तथा सरकार उत्तरदायी, संवेदनशीलता एवं पारदर्शी हो सके । लोकतंत्र में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों को जनता चुनती है, केवल ज्यादा वोट पाने से सरकार को अधिकार नहीं मिलता कि वह अपनी ही पार्टी का प्रोग्राम करे और विपक्ष की पार्टी को दरकिनार कर दें और विपक्षी दलों और प्रेस पर आलोचना की प्रमुख जिम्मेदारी होती है

*Contents are provided by Authors of articles. Please contact us if you having any query.






Bank Details