International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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हमारा समाज और विकास की अवधारणा
1 Author(s): DR. GITA SINGH
Vol - 12, Issue- 9 , Page(s) : 61 - 64 (2021 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
विकास एक गतिशील शब्द है जिसमे आगे बढ़ने की क्रिया सम्मिलित है I गतिशील होना प्रकृति प्रदत्त है, उसके धारा में बहना उतना ही स्वाभाविक है जितना हमारा श्वास लेना I गतिशीलता की अनिवार्यता जितना सही है उतना ही सही है ठहरकर उसपर ध्यान देना कि वह किन मूल्यों को केंद्र में लेकर गतिशील है ,अन्यथा प्रगति- विकास सब एक दिन ऐसे मोड़ पर आकर खड़े हो जायेगे जहाँ से आगे की कोई भी दिशा दिखाई नहीं देगी, समूची मानव जाति के लिए वह भयावह स्थिति होगी I