International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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ओमप्रकाश वाल्मीकि के साहित्य में ‘दलित क्रांति-चेतना’
1 Author(s): DR. MANPREET KAUR
Vol - 9, Issue- 12 , Page(s) : 98 - 105 (2018 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
भारतीय जातिव्यवस्था से उत्पन्न सामाजिक विषमता असमानता तथा अन्याय ने सदियों से पीढ़ी डर पीढ़ी सामान्य मनुष्य के सहज विकास में सिर्फ़ बाधा पहुँचाई है बल्कि उन्हें बुनियादी मानवाधिकारों से भी वंचित रखा गया। प्रस्तुत शोधप्रपत्र के माध्यम से हिंदी के सर्वश्रेष्ठ दलित रचनाकार की रचनाओं के माध्यम से उनकी क्रांतिचेतना को रेखांकित करने का सप्रमाण प्रयास किया गया है।