International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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गीत गूँजते घर आँगन में (गीत संग्रह) में आध्यात्म, पर्यावरण एवं सामाजिक चेतना का चित्रण
1 Author(s): DR. KAILASH CHANDRA DIVAKAR
Vol - 10, Issue- 5 , Page(s) : 115 - 122 (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
गीत काव्य गीत की संक्षिप्त विद्या के अन्तर्गत आते हैं। कोई भी गीत कभी प्लानिंग करके नहीं लिखा जा सकता यह स्वतः ही जल स्रोतो की तरफ फूटते हैं। कोई भी गीत कैनवास पर उतरने से पहले कवि के हृदय में उतरता है। वास्तविक यादगार और कर्णप्रिय गीत जो लम्बे समय तक दिलों दिमाग पर छाये रहते हैं। गीत बहुत ही कठिन और दुरूह हालातों में इन्सान के अंदर वर्षो तैरते हैं फिर कही उपयुक्त समय पाकर के बाहर आते हैं।