International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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‘‘इन्दौर जिले के चर्मकार शिल्पियों की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि: एक ऐतिहासिक अध्ययन’’ (18वीं सदी से वर्तमान पर्यन्त)
2 Author(s): DR. RASHMI THAKUR , RAKESH KOTIYA
Vol - 14, Issue- 5 , Page(s) : 11 - 16 (2023 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
इन्दौर जिले में प्राचीन काल से ही चर्म शिल्प कलाओं की सुदृढ़ परम्परा रही है। प्राचीन साहित्यिक स्त्रोतों में व्यवसाय के आधार पर विभिन्न जातियों के विकास का उल्लेख मिलता है। आरम्भ में वर्ण-व्यवस्था कर्म आधारित थी, ऋग्वैद काल में चर्मकार, लुहार, वपता, नापित, भीषज आदि व्यापारिक वर्ग थे, उत्तर वैदिक काल तक आते-आते जाति व्यवस्था कर्म के स्थान पर जन्म आधारित हो गई थी।