International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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पंचायती राज: ग्राम स्वराज का मार्ग
1 Author(s): DR. KULKIRAN GARHWAL
Vol - 8, Issue- 9 , Page(s) : 392 - 398 (2017 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
महात्मा गांधी ने अपनी ‘ग्राम स्वराज’ की कल्पना में कहा है- ‘वह एक ऐसा पूर्ण प्रजातंत्र होगा, जो अपनी अहम जरूरतों के लिए पड़ौसी पर निर्भर नहीं रहेगा फिर भी बहुतेरी जरूरतों के लिए जिनमें दूसरे का सहयोग अनिवार्य होगा-वह परस्पर सहयोग से काम लेगा।’