International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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प्राचीन भारत में व्यापार और वाणिज्य
2 Author(s): SUNIL KUMAR PANDEY , DR. DANPATI TIWARI
Vol - 15, Issue- 5 , Page(s) : 216 - 224 (2024 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
धन प्राप्ति के उद्देश्य से वस्तुओं का क्रय-विक्रय करना ही वाणिज्य कहलाता है। किसी उत्पादन या व्यवसाय का वह भाग जो उत्पादित वस्तुओं एवं सेवाओं की उनके उत्पादकों एवं उपभोक्ताओं के बीच विनिमय से सम्बन्ध रखता है, वाणिज्य कहलाता है।