International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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शरद जोशी के व्यंग्य में राजनीति का विरूपीकरण
1 Author(s): RAGHU RAM
Vol - 14, Issue- 5 , Page(s) : 424 - 429 (2023 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
हिंदी में व्यंग्य लेखन की परंपरा नई नहीं है। अगर व्यंग्य का अर्थ कथन को तीखे रूप में ही प्रस्तुत करना हो तो इसकी परंपरा हम पीछे कम से कम मध्यकाल तक तो ले ही जा सकते हैं।