International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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इक्कीसवीं सदी का सामाजिक परिदृश्य और कबीर की कविता
2 Author(s): MEENU MADAN ,(PROF ) DR. BHANDARE UDHAV TUKARAM
Vol - 15, Issue- 6 , Page(s) : 353 - 360 (2024 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
इस शोध पत्र में इक्कीसवीं सदी के सामाजिक स्वरूप पर संक्षेप में प्रकाश डालते हुए ,उसके सामाजिक परिवेश का विश्लेषण किया गया है | इसमें यह बताया गया है कि इक्कीसवीं सदी में भी सामाजिक परिवेश की वे विसंगतियाँ और विडंबनाएँ मौजूद हैं जो कबीर के समय में थीं