International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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प्रेमचंद के उपन्यासों में अपने अस्तित्व से जूझती भारतीय नारी।
1 Author(s): DR. RUPA KUMARI
Vol - 15, Issue- 7 , Page(s) : 352 - 356 (2024 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
हिन्दी साहित्य में प्रेमचंद युग प्रवर्तक साहित्यकार माने जाते हैं। इन्होंने हिन्दी साहित्य को एक नई दिशा दी। इन्होंने निम्न वर्ग और भारतीय नारी को विशेष महत्त्व दिया।