International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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मानवाधिकार के संरक्षण में संयुक्त राष्ट्र का योगदान
1 Author(s): DEVESH PANDEY
Vol - 5, Issue- 12 , Page(s) : 79 - 83 (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
संयुक्त राश्ट्र संघ की स्थापना द्वितीय विष्वयुद्ध के बाद भविश्य में युद्ध न हो, इसलिए की गई थी। इसके साथ इसकी स्थापना में कई अन्य उद्देष्य भी निहित थे, जिनमें मानवाधिकार का संरक्षण भी एक प्रमुख उद्देष्य था। संयुक्त राश्ट्र अपनी स्थापना के साथ से ही इस विशय पर सचेश्ट रहा है। संयुक्त राश्ट्र के प्रयास से 10 दिसम्बर 1948 को मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोशणा को स्वीकार किया गया। मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोशणा का पल्लवन दो अलग-अलग प्रसंविदाओं के रूप में हुआ। ये सभी संयुक्त रूप से मिलकर मानवाधिकारों का अन्तर्राश्ट्रीय बिल कहलाती है। नागरिक तथा राजनीतिक अधिकारों पर अन्तर्राश्ट्रीय प्रसंविदा 1966 एवं आर्थिक सामाजिक सांस्कृतिक अधिकारों की प्रसंविदा द्वारा मानवाधिकार के संरक्षण का भरसक प्रयास किया गया है। मानवाधिकार के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सार्वभौमिक घोशणा पत्र में मानवाधिकार के लिए व्यापक प्रावधान किया है।