International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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इक्कीसवीं सदी में महिलाओं की स्थिति
1 Author(s): SHILENDRA SINGH
Vol - 6, Issue- 5 , Page(s) : 68 - 70 (2015 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
किसी विद्वान ने कहा है कि कवि पैदा होते हैं अर्थात् जन्मते हैं बनाये नहीं जाते लेकिन मेरा मानना ही नहीं दावा है कि महिलाएँ पैदा नहीं होती हैं बल्कि बनायी जाती हैं। महिला और पुरुष मात्रा लिंगीय विभेद न होकर दो अलग-अलग विचारधाराएँ हैं जिन्हें समाज ने अपनी सहूलियत के हिसाब से पनपाये रखा है हाँ माना कि इन दोनों में कुछ प्राणिशास्त्रीय विभिन्नताएँ हैं पर इन दोनों को यह समाज टोका-टाकी करके महिला और पुरुष बना देता है।