International Research Journal of Commerce , Arts and Science

 ( Online- ISSN 2319 - 9202 )     New DOI : 10.32804/CASIRJ

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ग्रामीण समाज में बेरोजगारी की समस्या

    1 Author(s):  DR. PUSHPENDRA KUMAR

Vol -  7, Issue- 1 ,         Page(s) : 166 - 172  (2016 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ

Abstract

अर्थव्यवस्था विकसित हो अथवा अल्प-विकसित, बेरोजगारी का होना सामान्य बात है। हर समय बड़ी संख्या में अकुषल श्रमिकों के साथ-साथ विषिष्ट प्रषिक्षण प्राप्त श्रमिक भारी संख्या में बेरोजगार होते हैं। श्रमिक मजदूरी की प्रचलित दरों का काम करने के लिये तैयार होते हैं, फिर भी वे रोजगार पाने में असमर्थ रहते हैं। सामाजिक दृष्टि से बेरोजगारी की स्थिति में राष्ट्र के मानव स्रोतों की बर्बादी होती है। व्यक्तिगत दृष्टि से बेरोजगारी, बेरोजगार इंसान के लिये कष्टदायक होती है। बेरोजगारी की अवस्था में व्यक्ति का नैतिक पतन भी होता है।

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