International Research Journal of Commerce , Arts and Science

 ( Online- ISSN 2319 - 9202 )     New DOI : 10.32804/CASIRJ

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बालकों के सामाजिक विकास को विकसित करने मैं शिक्षक की भूमिका

    1 Author(s):  MISS. ZEENAT JAHAN

Vol -  7, Issue- 10 ,         Page(s) : 42 - 47  (2016 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ

Abstract

बालक का प्रारंभिक जीवन परिवार में माता.पिताए भाई.बहन एवं परिवार के अन्य सदस्यों के बीच व्यतीत होता है स जब बालक विद्यालय जीवन में प्रवेश करता है तो उसे एक नए संसार का आभास होता है और उसे उस नए संसार में समायोजन करने के लिए नवीन गुणों का अर्जन करना पड़ता हैए इस नवीन संसार में प्रवेश करने से उसके सामाजिक संपर्क का दायरा विस्तृत हो जाता है अब उसका संपर्क अपने शिक्षकोंए सहपाठियों एवं मित्र मंडली से होता है इस प्रकार के सभी संपर्क बालक के समाजीकरण की प्रक्रिया को एक नई दिशा प्रदान करते हैंए यह संपर्क अपने आप में महत्वपूर्ण है स

  1. शैक्षिक तकनीकी के मूल आधार . अनुपम   सिंघलए  एस. पी. कुलश्रेष्ठ
  2. शिक्षा के सिद्धान्त  . गुरसरन दास त्यागी 
  3. विशिष्ट बालक .       डॉ. एल बी वाजपेयी  डॉ. अमित वाजपेयी
  4. शिक्षा मनोविज्ञान .  अरुण कुमार 
  5. शिक्षा के दार्शनिक आधार .  रस्क आर. आर.
  6. Wickman, E.K. Childern’s Behaviour and teachers Attitude. New York common wealth, 1928.
  7. Mathurs, S.S. (1996) शैक्षिक तकनिकी
  8. Hurlock, Development Psychology, 1978.

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