गांधीवादी चिन्तन के मूल तत्व ‘ईष्वर व सत्य‘ की दार्षनिक अवधारणा
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Author(s):
VIMLESH TAILOR
Vol - 8, Issue- 8 ,
Page(s) : 23 - 30
(2017 )
DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
Abstract
गांधीजी मूलतः धार्मिक प्रवृति के व्यक्ति थे, यद्यपि उन पर धर्मान्धता व रूढिवादिता का लेषमात्र भी प्रभाव नहीं था । सत्य व ईष्वर पर उनके प्रभाव लौकिक व मानवतावादी थे । उनका लक्ष्य था कि सत्य, अहिंसा, नैतिकता व ईष्वर संबंधी विचारों को न केवल व्यक्तिगत व्यवहार का वरन् सार्वजनिक व्यवहार का आधार बनाना चाहिए । अहिंसा का पालन करना सत्य के उपासक का सबसे बड़ा कर्तव्य है । सत्य का पालन करने वालों का अन्तर्मन शुद्ध होना चाहिए और यह अस्तेय, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य को अपना कर किया जा सकता
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