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 ( Online- ISSN 2319 - 9202 )     New DOI : 10.32804/CASIRJ

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वाल्मीकि रामायण और राम काव्य-परम्परा

    1 Author(s):  INDU BALA

Vol -  8, Issue- 6 ,         Page(s) : 155 - 159  (2017 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ

Abstract

आदि कवि ‘वाल्मीकि’ ने चैथी शताब्दी ई0 पूर्व ‘रामायण’ की रचना की थी। ईसा-पूर्व चैथी शताब्दी के अन्त में वाल्मीकि रामायण की रचना संभवतः मानी जाती है। बहुत समय तक मौखिक रूप में प्रचलित रहने के कारण इसका रूप स्थिर ना रह सका। रामकथा के प्रारम्भिक विकास के साथ-साथ इसमें परिवर्धन एवं परिवर्तन किया गया है। रामायण में प्रक्षिप्त अंश इतने समाहित कर दिये गऐ है कि आदि रामायण का कलेवर दूना हो गया है।

  1. डाॅ. धीरेन्द्र वर्मा (सं0) हिन्दी साहित्य कोश - भाग 1 पृष्ठ - 542
  2. डाॅ. धीरेन्द्र वर्मा (सं0) हिन्दी साहित्यकोश-भाग-1, पृष्ठ - 540
  3. डाॅ. धीरेन्द्र वर्मा (सं0), हिन्दी साहित्यकोश - भाग-1, पृष्ठ - 543
  4. डाॅ. अशोक तिवारी, हिन्दी प्रश्न पत्र-प् प्रतियोगिता साहित्य सीरीज, पृष्ठ - 128
  5. डाॅ. धीरेन्द्र वर्मा (सं0) हिन्दी साहित्य कोश-भाग-1, पृष्ठ-818 

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