International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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प्राचीन भारतीय इतिहास-लेखन की शुरूआत
1 Author(s): ANJU MALIK
Vol - 8, Issue- 5 , Page(s) : 210 - 215 (2017 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
प्राचीन भारत में इतिहास-लेखन कला विकसित नहीं थी। एक लम्बी अवधि तक विद्वानों का यह भी मत रहा कि भारतीय इतिहास के रूप में तथ्यपरक घटनाआंें का विवरण देने में असमर्थ रहे हैं। लेकिन इस आधार पर यह कह देना उपयुक्त नहीं होगा कि प्राचीन भारत ऐतिहासिक घटनाओं से शून्य था। हालंाकि यह सत्य है इतिहास को जिस स्वरूप में हम आज देखते हैं, उस रूप में कल्हण की राजतरंगिणी से पहले कोई अन्य ग्रन्थ भारतीय इतिहास में मौजूद नहीं था, लेकिन भारतीय प्राचीन काल से ही इतिहास को गौरवपूर्ण स्थान प्रदान करते रहे हैं। वैदिक साहित्य के अध्ययन से हमें इस बात के प्रमाण स्पष्ट रूप में मिल जाते हैं।