International Research Journal of Commerce , Arts and Science

 ( Online- ISSN 2319 - 9202 )     New DOI : 10.32804/CASIRJ

Impact Factor* - 6.2311


**Need Help in Content editing, Data Analysis.

Research Gateway

Adv For Editing Content

   No of Download : 1037    Submit Your Rating     Cite This   Download        Certificate

ऋग्वेद कालीन भूगोल

    1 Author(s):  POONAM DEVI

Vol -  8, Issue- 8 ,         Page(s) : 237 - 243  (2017 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ

Abstract

भूगोल की अवधारणा: भूगोल शब्द का सर्वप्रथम उपयोग यूनान काल में इरेटॅास्थनीज ने किया। Ge- पृथ्वीए Graphic- विवरण अर्थात् पृथ्वी का वर्णन ही भूगोल माना गया। बाद में पृथ्वी की सतह को विशेष महत्ता मिली। इरेटॅास्थनीज ने सर्वप्रथम भूगोल का नामकरण करनेए पृथ्वी की गोलाई मापने की वैज्ञानिक विधि ज्ञात करनेए अन्य तर्कपूर्ण वर्णनों एवं बसे हुए भाग का विस्तार तथा विश्व मानचित्र जैसे महत्वपूर्ण योगदान दिये। इन्हीं कारणों से उन्हें भूगोल का पिता कहा गया। उन्होंने सर्वप्रथम 'ज्योग्रोफीका' शब्द का प्रयोग किया।

  1. ऋग्वेद १०/१३६/५
  2. ऋग्वेद १/५६/२
  3. ऋग्वेद ;नदिसूक्तद्ध १०/७५/५
  4. संस्कृत साहित्य का इतिहासए बलदेव उपाध्याय
  5. भौगोलिक विचारधारा का इतिहासए माजिद हुसैनए पृ. ६७
  6. भौगोलिक विचारधारा का इतिहासए माजिद हुसैनए पृ. ६१
  7. भौगोलिक चिन्तन एवं विधि तन्त्रए एसण्एमण् जैनए पृ. १४९
  8. भौगोलिक चिन्तन एवं विधि तन्त्रए एसण्एमण् जैनए पृ. १७५
  9. भौगोलिक चिन्तन एवं विधि तन्त्रए एसण्एमण् जैनए पृ. १८१
  10. महाभारत (१२/३१/९)
  11. रामायणए वाल्मीकि
  12. संस्कृत.हिंदी.शब्कोष 
  13. विष्णु पुराणए मतस्य पुराण अध्याय (१२१)

*Contents are provided by Authors of articles. Please contact us if you having any query.






Bank Details