International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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जैन विचारधारा
2 Author(s): DR. CHAKRWARTI SHARMA, DR. NAGENDRA KUMAR
Vol - 8, Issue- 10 , Page(s) : 322 - 325 (2017 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
अपने मूल रूप में जैन धर्म महावीर स्वामी की देन नही है, वे जैन धर्म के प्रवर्तक नही थे। किन्तु हम उन्हें ईसा पूर्व छठी शताब्दी के जैन आन्दोलन का प्रवर्तक कह सकते है। जैन धर्म की स्थापना और विकास में योग देने वाले आचार्यों को तीर्थंकर कहा जाता है।