International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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प्रारम्भिक शिक्षा के पुरूष तथा महिला वर्ग के भावी शिक्षकों की अध्यापन व्यवसाय के प्रति वचनबद्धता का अध्ययन
1 Author(s): DR. BRAHMADUTT SHARMA
Vol - 9, Issue- 1 , Page(s) : 54 - 63 (2018 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
शिक्षक समाज का वह दिव्यमान नक्षत्र है जो समुद्री तूफानों में भटके नाविकों व यात्रियों को अपने स्थान पर अटल रहकर पथ प्रदर्शक बना है चाहे कुछ लोग इस महता केा अस्वीकार करें परन्तु सर्वदा ‘‘सत्येय जयते नानृतम’’ के समान ही राष्ट्र विकास में शिक्षक का महत्व अक्षुण्य बना रहेगा। निष्कर्षतः हम यह कह सकते है कि यदि हमें ‘‘कृष्वन्ती विश्वमार्यम्’’ अर्थात समस्त विश्व को श्रेष्ठ बनाने का संकल्प पूरा करना है तो सम्पूर्ण भारत वर्ष के प्रत्येक नागरिक को शिक्षित करना होगा और यह संकल्प पूरा केवल शिक्षक ही कर सकते है। अतः शिक्षक का राष्ट्र विकास में पूर्णतः योगदान है यह शाश्वतः सत्य है।