नाट्यकलाओं में भारतेन्दु हरिशचन्द्र का योगदान
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Author(s):
SITA KUMARI
Vol - 8, Issue- 2 ,
Page(s) : 60 - 64
(2017 )
DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
Abstract
भारतेंदु हरिशचन्द्र एक युग पुरुष थे, जिन्होंने हिन्दी की सेवा में अपना जीवन दाव पर लगा दिया। उनके नाटकों में भारतीय संस्कृति का चरमोत्कर्ष देखने को मिलता है। उन्होंने नाटक, निबन्ध, कविता, लेख, जीवन-चरित्र आदि का निमार्ण किया लेकिन नाटककार के रूप में उन्हें बहुत सम्मान मिला। भारतेंदु से पहले भी हिंदी का सबसे प्राचीन नाटक हृदयराम कृत ‘हनुमन्नाटक’ माना जाता है।
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