वैष्वीकरण और हिन्दी सिनेमा
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Author(s):
HARENDRA NARAYAN SINGH
Vol - 2, Issue- 2 ,
Page(s) : 201 - 207
(2011 )
DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
Abstract
1990 के पूर्व कुछ दशकों से भारतीय अर्थतंत्र में कई गम्भीर रुकावटे उजागर होने लगीं जिनके फलस्वरूप एक गम्भीर वित्तीय और भुगतान संतुलन का संकट पैदा हो गया था जो 1991 ई0 में उच्चतम बिन्दु पर जा पहुँचा। इससे निकलने के लिए भारत ने आर्थिक सुधारों एवं ढ़ाँचागत पुनर्गठन का रास्ता अपनाया।
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