International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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हिंदी काव्य में फैन्टेसी
1 Author(s): DR.RATHOD MADHUKAR BABURAO
Vol - 11, Issue- 2 , Page(s) : 20 - 23 (2020 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
हिंदी में फैन्टेसी का सामान्य अर्थ होता है कपोल कल्पित । इसके लिए पर्यायी अर्थ है कल्पना,विलक्षण,अनुमान आदि. फैन्टेसी षब्द का निर्माण यूनानी भाशा के ‘‘फन्टेसिया’’ षब्द से हुआ है दृ फैन्टेसी को स्वप्नचित्रमलक साहित्य कहा गया है। जिसमे! अस!भाव्य स!भवनाओं को प्राथमिकता दी जाती है । यह एक प्रकार की साहित्यिक तकनीक है जिसका स!ब!ध स्वप्न और अवचेतन मास्तिक मे! घटित होने वाली घटनाओ! को ऐसी बि!बावलियो! से है जो विघटित और बेतरतीब होती है । इस तरह फैन्टेसी का अर्थ होता है स्वप्नचित्र रचना प्रक्रियाॅं अथवा स¤जनषीलता में रचनाकार जब बाहय परिवेष कोे पूर्णतया आत्मसात करता है,तब उस सजनषील रचनाकार के हदय में एक धुंधला रहस्यमय कल्पनाचित्र उभरता है और यह स्वप्निल प्रभाव उसके अभिव्यक्ति पक्ष का माध्यम बन जाता है इसी को फैन्टेसी कहा जाता है। इस प्रकार फैन्टेसी एक टेकनीक है जिसका प्रयाग एक स¤जनषील साहित्यकार अपनी रचना प्रकियाॅं में करता है । मनोर्वैज्ञानिक द¤श्टि से फैन्टसी का संबंध उसके विचार प्रवाह तथा उसी की चक्षु बिंबात्मक अभिव्यक्ति से है ।
1रतीय काव्यषास्त्र एवं पाष्चात्य साहित्यषास्त्र ¹डाॅ सभापति मिश्र2हित्यषास्त्र ¹डाॅ नारायण षर्मा3व्यषास्त्र विवेचन ¹जी टी देषपांडे4दर्य मीमांसा ¹आर बी पाटणकर5हित्यषास्त्र परिचय ¹प्रो प्रेमस्वरूप गुप्त,ष्यामलाकांत गुप्त