International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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मानवता की डगर गांधी दर्शन
1 Author(s): DR. SUMAN
Vol - 10, Issue- 12 , Page(s) : 1 - 1 (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
आध्यात्मिक जगत-गुरू के नाम से जाना पहचाना भारत देश, आलोचकों, भौतिकवादी, उपभोक्तावादी और आरोप-प्रत्यारोप करने वाले के लिए सदा ही दबी जुबान से हाशिए के किनारे रहा है। बड़ा आश्चर्य होता है कि आज ऐसे देश में जहाँ गांधी मात्र गांधी न रहकर गांधी दर्शन, गांधी विचारधारा, गांधी चिंतन या यों कहें कि सर्वधर्मों का सार गंगा की तरह पवित्र एवं निर्मल विचारधारा को लोग काले चश्मे से देखने का प्रयास करते हैं। उनका दृष्टिकोण व्यक्तिगत हो सकता है, उनकी सोच अपरिपक्व हो सकती है, लेकिन गांधी दर्शन एक फिलॉसफी बन गई है, जिसकी प्रासांगिकता, जिसकी अनिवार्यतः तत्कालीन परिवेश में थी और वर्तमान में अधिक हो गई है तथा आगे भी रहेगी।