International Research Journal of Commerce , Arts and Science

 ( Online- ISSN 2319 - 9202 )     New DOI : 10.32804/CASIRJ

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लोहिया के समाजवाद का उपाश्रित दृष्टिकोण

    1 Author(s):  MANRAJ GURJAR

Vol -  10, Issue- 12 ,         Page(s) : 67 - 71  (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ

Abstract

डाॅ. राममनोहर लोहिया संघर्षशील राजनीति व सै(ांतिक राजनीतिक चिंतन के क्षेत्रा में महान बु(िजीवी और मौलिक विचारक रहे है। वे भारत में एक प्रखर समाजवादी नेता माने जाते रहे है लोहिया ने अपने समाजवादी चिंतन में उपाश्रित वर्गों को मुख्य आधर बनाया तथा साथ ही उनके उत्थान को राज्य की शिम्मेदारी माना। लोहिया ने परिवर्तन की राजनीति के माध्यम से वंचित व असहाय लोगों को सामाजिक, आर्थिक व राजनीितक स्तर पर मशबूत करने का प्रयास किया। लोहिया ने फ्पिछड़ा पावे सो में साठय् का नारा देकर भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में पिछड़ो को आरक्षण के माध्यम से समाज की मुख्यधरा में शामिल करने का प्रयास किया। उन्होंने अपने समाजवाद का ताना-बाना इस प्रकार गढ़ा की उसकी संरचना में उपाश्रित वर्ग हमेशा समाहित रहे। यही कारण रहा कि लोहिया को उपाश्रित वर्ग का मसिहा कहे जाने के साथ-साथ सच्चा समाजवादी भी कहा जाता है।

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