International Research Journal of Commerce , Arts and Science

 ( Online- ISSN 2319 - 9202 )     New DOI : 10.32804/CASIRJ

Impact Factor* - 6.2311


**Need Help in Content editing, Data Analysis.

Research Gateway

Adv For Editing Content

   No of Download : 52    Submit Your Rating     Cite This   Download        Certificate

ग्रामीण साख में साख के संस्थागत स्रोतों के योगदान का अध्ययन

    2 Author(s):  ATUL KUMAR DWIVEDI,DR. ABHILASH KUMAR SRIVASTAV

Vol -  10, Issue- 5 ,         Page(s) : 80 - 84  (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ

Abstract

भारत देश के विकास में ग्रामीण क्षेत्रों का विशेष महत्त्व है। ग्रामीणों का प्रमुख व्यवसाय कृषि है और कृषि हेतु देश में साख की जरूरत हमेशा रही है। देश में ग्रामीण साख की अधिकाधिक पूर्ति लम्बे समय तक गैर-संस्थागत स्रोतों के द्वारा पूरी की जाती रही है। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् आर्थिक आयोजन के प्रारम्भिक वर्षों तक ग्रामीणों को आवश्यक साख का अधिकांश भाग गैर-संस्थागत अर्थात् असंगठित स्रोतों से ही प्राप्त होता था। लेकिन फिर संस्थागत स्रोतों से ऋण प्राप्ति के लिए आर्थिक आयोजन के वर्षों में ग्रामीण साख के संस्थागत स्रोतों का विकास हुआ और ग्रामीण साख प्रदान करने में संस्थागत स्रोतों का महत्त्व क्रमशः बढ़ा है और गैर-संस्थागत स्रोतों का महत्त्व कम हुआ है।

1. डाॅ0 किरन सिंह - आधुनिक भारतीय अर्थव्यवस्था, ‘दीप बुक एजेन्सी’, इलाहाबाद बारहवाँ संस्करण-2016।
2. गौरव दत्त एवं अश्विनी महाजन - दत्त एवं सुन्दरम भारतीय अर्थव्यवस्था, एस चन्द एण्ड कम्पनी लिमिटेड, रामनगर, नई दिल्ली, पचपनवाँ संस्करण - 2016।
3. डाॅ0 शिवभूषण गुप्त - कृषि अर्थशास्त्र, एस बी पी डी पब्लिशिंग हाउस, आगरा।
4. डाॅ0 जे0पी0 मिश्र - मुद्रा एवं वित्तीय प्रणालियाँ, साहित्य भवन पब्लिकेशन्स, आगरा।
5. डाॅ0 वी0सी0 सिन्हा - भारतीय बैंकिंग प्रणाली, एस बी पी डी पब्लिशिंग हाउस, आगरा।
6. कुरूक्षेत्र - नई दिल्ली।
7. अमर उजाला - कानपुर।
8. दैनिक जागरण - कानपुर।

*Contents are provided by Authors of articles. Please contact us if you having any query.






Bank Details