International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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सामाजिक विकास-आर्थिक विकास का पूर्णहस्ताक्षर
1 Author(s): PUSHPANJALI KUMARI
Vol - 10, Issue- 4 , Page(s) : 136 - 140 (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
सामाजिक विकास की अवधारणा में आर्थिक विकास एक महत्वपूर्ण आयाम है, जो कि सामाजिक विकास की प्रकृया को आगे बढ़ाता है। सामाजिक विकास में आर्थिक विकास का पर्याय माना जाने लगा है, आधुनिक काल में विकास के मापकों में नये-नये आयाम जुड़ने लगे हैं। तथा सामाजिक विकास लगातार बढ़ती जा रही है, प्रतिव्यक्ति आय में अप्रत्यासित सुधार लाने वाली यह आयाम काफी हदतक बाजार की पहल और प्रयासों से ही भरी जा रही है इससे असमानता तो कुछ बढ़ी है, परंतु तीव्र विकास के दौरान प्राय ऐसा होता आ रहा है। आर्थिक युग में सामाजिक विकास का लाभ निर्धनतम व्यक्तियों को भी मिलने लगे और हम इसी रास्ते पर पूरी दृढ़ता से आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन विकास का असली संकट नियोजित परिवर्तन है। अभिप्राय यह कि विकासात्मक कार्य से जुड़े लोगों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि एक पक्ष के विकास की उँचाई दूसरी समस्या की गहरी घाटी में धकेल नहीं दे। इस क्रम में पारंपरिक और आधुनिक विकास मानकों के विश्लेषण की बड़ी जरूरत है। विभेदक रेखा की पहचान का संकट और समाधान चिंतन का जरूरी आयाम है।