International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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गढ़वाल हिमालय में जून 2013 की प्राकृतिक आपदा का सामाजिक एवं आर्थिक प्रभाव: रूद्रप्रयाग जनपद के केदारघाटी के विशेष सन्दर्भ में
1 Author(s): GIRISH CHANDRA BHATT
Vol - 6, Issue- 1 , Page(s) : 103 - 109 (2015 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
भौगोलिक संरचना की दृष्टि से सर्वाधिक नवीन पर्वत श्रृंखला होने के कारण हिमालयी क्षेत्र सैकड़ों वर्षों से प्राकृतिक आपदाओं का दंश झेलता रहा है। इस त्रासदी से केदारघाटी (उत्तराखण्ड) के जनजीवन को पूरी तरह अस्त व्यस्त हो गया। अनियोजित विकास एवं कुप्रबन्धित पर्यटन के कारण केदारनाथ से शुरू हुई इस आपदा ने केदारघाटी में हुए जल प्रलय द्वारा मानवीय क्षति होने से यहाॅ के सामाजिक जीवन के स्वरूप को ही परिवर्तित कर दिया। राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी मानसून का प्रभाव रहा है, लेकिन गढ़वाल हिमालय में आई इस आपदा ने केदारघाटी को सर्वाधिक प्रभावित किया। शासकीय ढीलापन और आपदा प्रबन्धन का प्रभाव इस आपदा के उपरान्त स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर हो रहा है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियाॅ और आय के साधनों के अभाव, अशिक्षा व मूलभूत साधनों की कमी तथा बार-बार आने वाली प्राकृतिक आपदाओं से लोगों में असुरक्षा की भावना पैदा होने से पलायन बढ़ रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण का गठन हुआ, ताकि पूरे देश में आपदा प्रबन्धन पर ध्यान देकर जरूरी कदम उठाये जा सके।