International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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अभिनव शाकटायन के कार्य पाणिनि-व्याकरण के सापेक्ष
2 Author(s): VANDANA RANI , SAMPAT KUMAR
Vol - 6, Issue- 3 , Page(s) : 89 - 97 (2015 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
यह शाकटायन पाणिनि से पूर्ववर्ती शाकटायन आचार्य नहीं है, अपितु पाणिनि के अनेक वर्ष पश्चात् भी ईसा की 9वीं शताब्दी में ‘शाकटायन’ नाम के एक अन्य आचार्य हुए जो संस्कृत-व्याकरण-शास्त्र में ‘पाल्यकीर्ति शाकटायन’, ‘जैन शाकटायन’ अथवा ‘अभिनव-शाकटायन’ के नाम से एक अन्य आचार्य हुए जो संस्कृत-व्याकरण-शास्त्र में ‘पाल्यकीर्ति शाकटायन’, ‘जैन शाकटायन’ अथवा ‘अभिनव-शाकटायन’ के नाम से विख्यात है।