International Research Journal of Commerce , Arts and Science

 ( Online- ISSN 2319 - 9202 )     New DOI : 10.32804/CASIRJ

Impact Factor* - 6.2311


**Need Help in Content editing, Data Analysis.

Research Gateway

Adv For Editing Content

   No of Download : 249    Submit Your Rating     Cite This   Download        Certificate

संगीत के क्षेत्र में सुयोग्य शिक्षक और उत्तम शिक्षण के लक्षण

    1 Author(s):  ANURADHA KOTIYAL

Vol -  6, Issue- 3 ,         Page(s) : 104 - 108  (2015 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ

Abstract

एक सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत सत्य है कि संगीत उस बिन्दु से प्रारम्भ होता है जहाँ शब्दिक अभिव्यििक्त के समस्त साधन असफल हो जाते हैं और कलाकार किसी विशिष्ट वातावरणजन्य परिस्थितियों में स्वतः के द्वारा अनुभूत विचारों व भावनाओं को अपने ही अन्दर से प्रकट करता है और उन्हें स्वर-ताल रूप उन अमूर्त कल्पनाओं में व्यक्त करता है। दूसरे शब्दों में संगीत संागीतिक ध्वनियों के द्वारा आत्मनुभूति ही है।

  1. श्रीवास्तव, हरिशचन्द्र संगीत निबंध संग्रह, पाृष्ठ संख्या 173

*Contents are provided by Authors of articles. Please contact us if you having any query.






Bank Details