International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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भारतीय संस्कृति और बौद्ध धर्म का प्रभाव
1 Author(s): DEVENDER KUMAR
Vol - 6, Issue- 1 , Page(s) : 245 - 250 (2015 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
प्राचीनकाल के सभ्य संसार में भारत की स्थिति अत्यधिक महत्त्वपूर्ण थी। हिन्द महासागर के तट पर स्थित होने के कारण भारत की केन्द्रीय स्थिति थी। वह तत्कालीन सभ्य एवं सुसंस्कृत देशों के समुद्री भागों के मध्य में स्थित होने से उन देशों में फैली हुई सभ्यताओं के सम्पर्क में आता रहता था। सुमात्रा, जावा, बाली, बोर्नियो, स्याम, हिन्दचीन, बर्मा (वर्तमान म्यांमार) और मलाया आदि देश इसी प्रकार से भारतीय संस्कृति के सम्पर्क में आकर सभ्य बने। व्यापार की वृत्ति संस्कृति और सभ्यता का प्रसार विजय और व्यापार के साथ होता है। भारतीय संस्कृति के प्रसार में भारतवासियों की व्यापार यात्राओं ने अनुपम सहयोग प्रदान किया। उस काल के भारतीयों को ज्ञान था कि पूर्वी द्वीप-समूह मसालों और स्वर्ण के खानों से भरपूर हैं, अत: भारतीय नाविक और व्यापारी उन देशों की अत्यधिक यात्रा करते थे, जिनके कारण वहाँ की जातियाँ उनके सम्पर्क में आने लगीं और भारतीय संस्कृति से प्रभावित होने लगीं।