International Research Journal of Commerce , Arts and Science
( Online- ISSN 2319 - 9202 ) New DOI : 10.32804/CASIRJ
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आवारा मसीहा में प्रयुंक्त चरित्र निरूपण पद्धतियों का मूल्यांकन
1 Author(s): DR REKHA
Vol - 4, Issue- 3 , Page(s) : 273 - 277 (2013 ) DOI : https://doi.org/10.32804/CASIRJ
बंगाल की भूमि ने अनेक साहित्यकारों को जन्म दिया है, जिन्होंने साहित्य की सेवा की है साथ ही समाज कल्याण एवं धार्मिक उत्थान का कार्य भी किया है। इनमें उपन्यासकार शरत चन्द्र चêोपाध्याय प्रमुख हैं। उन्होंने अपने साहित्य के माध्यम से सदा ही उपन्यास का प्रतिकार किया, धार्मिक रूढि़यों पर कुठाराघात किया और नारी की सामाजिक सिथति सुधारने का प्रयास किया। यदि उनके स्वच्छन्द व्यकितत्व को अलग कर दिया जाए तो वे साहित्यकार के रूप में ऐसे महान व्यकित थे जिसे न केवल बंगाल अपितु सम्पूर्ण भारतवर्ष को गौरव की अनुभूति होती है। उनकी अनाविष्ट दृषिट, सूक्ष्म पर्यवेक्षण सामथ्र्य, सुंगभीर उपलबिध, शानित तथा विचित्र मानव चरित्र की अभिज्ञता के कारण समस्त देश उनका साहित्य पढ़कर लाभानिवत होता रहेगा।